अखिल भारतवर्षीय माहेश्वरी महासभा की स्थापना की मूल भावना थी कि समाज को कुरीतियों से मुक्त किया जाय , शिक्षा को प्रोत्साहन , सगाई - शादी में सादगी , घूँघट प्रथा का निर्मूलन आदि में क्रांति आए ।
महासभा इन विभिन्न उद्देश्यों को लेकर इन लगभग 125 वर्षों के समयकाल में उतार - चढ़ाव के हिलोरे खाते खाते आज वर्तमान में सेवा - त्याग और सदाचार के भाव से सराबोर होकर आपके समक्ष है ।
चूँकि हमारा समाज स्वभावतः और भगवान महेश - महेश्वरी की अनुकम्पा से हरहमेश भविष्यदृष्टा रहकर आगे की सकारात्मक सोच को तत्पर रहता आया है । यह कोई अतिशयोक्ति नहीं कि हम विश्व प्रसिद्ध नेक नीयत जातीय कौम है ।
महासभा की विरासत हमारे पुरखों के माध्यम से गौरवशाली हाथ और मस्तिष्क की राह उन्नति को अग्रसर रही है । वैचारिक भाव उत्पन्न करने और उनका अनुसरण होने की कहानी से अनेक जातीय संस्थाएं प्रभावित और अनुप्रेरित होती रही है ।
समाजोत्थान में हमारी बहनों की भागीदारी हमेशा महत्व रखती आई है । महासभा की जाजम पर चिन्तन किया गया कि जो बहनें वैधव्य जीवन में कष्ट उठा रही है - उनके लिए कुछ किया जाय ।
तुरन्त एक ट्रस्ट के निर्माण का विचार उत्पन्न हुआ । स्वनामधन्य बाबू स्वर्गीय श्रीकृष्णदास जी जाजू की स्मृति को अमिट करते हुए पहला ट्रस्ट बना :
श्री कृष्णदास जाजू स्मारक ट्रस्ट । समाज बंधुओं ने इस ट्रस्ट के माध्यम से भरपूर सहयोग भाव प्रगट किया । आज इस ट्रस्ट के माध्यम से वैधव्य जीवन जी रही सैंकड़ों बहनें , अशक्त बन्धु और प्राथमिक शिक्षार्थी लाभान्वित हो रहे हैं ।
हमारे यशस्वी भूतपूर्व सभापति स्वर्गीय श्री रामगोपाल माहेश्वरी स्मृति शिक्षा केन्द्र की स्थापना होनहार विद्यार्थियों के शिक्षा-प्रोत्साहन हेतु की गई ।
फिर समय आया छोटे छोटे व्यवसायी बंधुओं को सहायता कर स्वावलम्बी बनाने का । शीघ्र ही बिड़ला परिवार से बातकर श्री आदित्य विक्रम बिड़ला मेमोरियल व्यापार सहयोग केंद्र की स्थापना हुई । इस ट्रस्ट के माध्यम से छोटे छोटे व्यवसायी बंधुओं के व्यापार उन्नयन की राह तय करने का लक्ष्य रखा गया । आज यह ट्रस्ट सफलता पूर्वक बंधुओं को व्यवसाय उन्नति का मार्ग प्रशस्त कर रहा है ।
समाज का चिन्तन कर रही महासभा को भान हुआ कि अनेक बन्धु इलाज के अभाव में जूझ रहे हैं । तुरन्त निर्णय कर बांगड़ परिवार के समक्ष इस दुविधा को रखा गया । परिवार ने तुरन्त हामी भर श्री बांगड़ माहेश्वरी मेडिकल वेलफेयर सोसाइटी ट्रस्ट के निर्माण हुआ । आज इस ट्रस्ट के माध्यम से हजारों रोगियों को सहायता दी जा चुकी है ।
आज के युग में अनेक शिक्षार्थी उच्च शिक्षा हेतु बैंक से ऋण लेकर पढ़ रहे हैं । बैंक के ऋण का व्याज देने में अनेक परिवार तकलीफ पा रहे हैं । इस दुविधा को दूर करने की बात को सोनी परिवार के समक्ष रखा और तुरन्त एक और ट्रस्ट का निर्माण हुआ बद्रीलाल सोनी माहेश्वरी शिक्षा सहयोग केंद्र । आज यह ट्रस्ट न केवल शिक्षार्थियों के बैंक ऋण के व्याज का 75% का भुगतान कर रहा है बल्कि जिन व्यावसायिक शिक्षा पर बैंक ऋण नहीं देता है उनको एक मुश्त छात्रवृति भी दे रहा है ।
फिर दो नई योजनाएं आई । पहली माहेश्वरी मातोश्री सेवा प्रकोष्ठ और दूसरी माहेश्वरी सर्वांगीण विकास योजना । इन दोनों योजनाओं के माध्यम से भी सैंकड़ों वृद्ध भाई - बहनों को लाभ मिल रहा है ।
समाज के अनेक बंधुओं ने शौर्य कर सबका मान बढ़ाया , अनेक शोध किए । ऐसे बंधुओं का सम्मान करने हेतु एक ट्रस्ट बनाने का निश्चय हुआ और कोठारी बन्धु शौर्य स्मृति ट्रस्ट का निर्माण हुआ । इस ट्रस्ट के माध्यम से अनेकों बन्धु और बहनें सम्मानित हो चुके हैं ।
शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से अनेक शहरों में शिक्षा केन्द्र बनें । महासभा ने आगे आकर अनेक शहरों में छात्रावासों का निर्माण करवाया ।
मूल बात :
महासभा ने उपरोक्त सभी ट्रस्ट्स में समाज के सभी बंधुओं का सहयोग मिल सके , इस बात का विशेष ध्यान रखवाया । आज महासभा के सभी प्रेरित ट्रस्ट्स में पूरे समाज के बन्धु सहर्ष आर्थिक सहयोग करते हैं ।
वर्तमान सत्र में भी चार नए ट्रस्ट्स का निर्माण हो , सभापतिजी की ऐसी भावना भी शीघ्र ही मूर्त रूप लेकर सेवा को प्रस्तुत होंगे ।
समाज के अंतिम व्यक्ति तक महासभा पहुंचना चाहती है । ऐसा दृढ़ संकल्प है ।
आइए महासभा के माध्यम से समाजोत्थान का व्रत लें ।